Ram Mandir: Government’s decision to open fire on Kar Sevaks was right, Swami Prasad Maurya again gave controversial statement

Ram Mandir: Government’s decision to open fire on Kar Sevaks was right, Swami Prasad Maurya again gave controversial statement

Ram Mandir-सपा के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े बोल सामने आए हैं। कासगंज में उन्होंनेकारसेवकों पर हुए गोलीकांड को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने अमन चैन के लिए कारसेवकों पर गोली चलवाई थी।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कासगंज में कहा कि कारसेवकों पर तत्कालीन सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा के लिए अराजक तत्वों पर देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे। उस समय तत्कालीन सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था।

दरअसल,समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य मंगलवार को बौद्ध एकता समिति की ओर से गनेशपुर में आयोजित बौद्ध जन जागरूकता सम्मेलन में मौजूद लोगों को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस समय कारसेवकों पर गोली चलवाने का आदेश जारी किया गया था। उस समय तत्कालीन सरकार अपने फर्ज को निभा रही थी। वह अपने कर्तव्य का पालन कर रही थी।समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिस समय अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी।वहां पर बिना किसी न्यायपालिका और प्रशासनिक के आदेश के बड़े पैमाने पर आराजतक तत्वों ने तोड़फोड़ कर दी थी। इस पर तत्कालीन सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा के लिए।

अमन और चैन कायम करने के लिए गोलियां चलवाई थीं।अब से 33 साल पहले सन् 1990 में अयोध्या के हनुमान गढ़ी जा रहे कारसेवकों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं थीं। उस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी।मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे। उन दिनों प्रशासन ने अयोध्या में कर्फ्यू लगाया हुआ था।इसके चलते श्रद्धालुओं को एंट्री नहीं दी जा रही था।लेकिन फिर भी साधु-संत अयोध्या की तरफ कूच कर रहे थे। बाबरी मस्जिद के 1.5 किलोमीटर के दायरे में पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई थी। इसी दौरान कारसेवकों की भीड़ बेकाबू हो गई थी।

गोली लगने से पांच की हुई थी मौत30 अक्तूबर,1990 को पहली बार कारसेवकों पर गोलियों चलीं। गोली लगने से पांच की मौत हो गई थी। इसके बाद से अयोध्या से देशभर का माहौल गर्मा गया था। गोलीकांड के दो दिन बाद ही दो नवंबर को हजारों कारसेवक हनुमान गढ़ी के पास पहुंच गए। इस घटना के दो साल बाद छह दिसंबर, 1992 में विवादित ढांचे को गिरा दिया गया। सन् 1990 में हुए गोलीकांड के 23 साल बाद जुलाई 2013 में मुलायम सिंह ने एक बयान दिया था, इस बयान में उन्होंने कहा था कि उन्हें गोली चलवाने का अफसोस है।लेकिन उनके पास अन्य कोई विकल्प मौजूद नहीं थाअयोध्या कूच से पहले 32 दिन तक जेल में रहे रामभक्त, अनुभव बताते हुए रोमांचित हो उठे भक्तअयोध्या कूच से पहले कासगंज के रामभक्त 32 दिन तक मैनपुरी जेल में रहे थे। उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

अनुभव बताते हुए वह रोमांचित हो उठे। राम मंदिर आंदोलन को लेकर तीर्थनगरी सोरोंजी (कासगंज जिला) के रामभक्तों में भी गजब का जज्बा रहा। उन्होंने अयोध्या कूच करने की योजना बनाई, लेकिन उनकी इस योजना को पुलिस ने नाकाम कर दिया। अयोध्या कूच से पहले रामभक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और गिरफ्तारी के बाद उन्हें 32 दिनों तक मैनपुरी की जेल में बंद रखा गया।श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के बारे में भाजपा के तत्कालीन नगर अध्यक्ष डॉ. वीपी माहेश्वरी ने बताया कि 13 अक्टूबर 1990 को तीर्थनगरी के रामभक्त सोकर भी नहीं उठ पाए थे कि तीर्थनगरी के तत्कालीन इंस्पेक्टर ओपी शर्मा फोर्स के साथ पहुंच गए और गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा आरएसएस के स्वयंसेवक डॉ. सुरेंद्र शर्मा, रामबाबू शर्मा, बागीश दुबे, मुन्नालाल चौधरी, रामप्रकाश चौधरी, उमाशंकर बरवारिया जगदीश लोहिया, आनंद भूत, भगवान सहाय बरवारिया, विनोद दीक्षित, जगदीश चौधरी आदि लोग भी गिरफ्तार कर मैनपुरी जेल भेजे गए।

32 दिन तक सभी रामभक्त मैनपुरी की जेल में रहे।उन्होंने बताया कि उस समय तीर्थनगरी की हर गली मोहल्ले में रामभक्त में कुछ कर गुजरने का जज्बा था। गली गली में रामभक्तों की टोलियां अयोध्या कूच के लिए अलख जगातीं थीं। हर जुबान पर एक ही नारा रहता था कि रामलला हम आएंगे। मंदिर वहीं बनाएंगे।स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, कारसेवकों पर गोली चलाना बिल्कुल था सहीस्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कारसेवकों पर गोली चलाना बिल्कुल था सही यह खबर अभी ब्रेकिंग न्यूज है। इसके अपडेट आ रहे हैं।जैसे-जैसे अपडेट आते जाएंगे हम आप तक पहुंचाएंगे. हर अपडेट को सबसे पहले पाने के लिए बनेसमाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान देकर माहौल गरमा दिया है।

कासगंज में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कारसेवकों पर गोली चलाना तत्कालीन सरकार का सही फैसला था।उस समय की सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा के लिए अराजकतावादियों पर गोली चलाने की अनुमति दे दी थी।जो उस समय की सरकार द्वारा लिया गया एक बहुत ही सही निर्णय था और सरकार ने अपना सही कर्तव्य निभाया था।अमन- चैन के लिए चलवाई गईं थीं गोलियांमौर्य ने आगे कहा कि जिस वक्त कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश जारी हुआ था, उस वक्त की सरकार ने अपना कर्तव्य बखूबी निभाया था. उस समय सरकार अपना काम कर रही थी। उन्होंने आगे कहा कि जब अयोध्या में राम मंदिर की घटना हुई तो बिना किसी न्यायिक या प्रशासनिक आदेश के अराजक तत्वों द्वारा बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई. इस पर तत्कालीन सरकार ने संविधान एवं कानून की रक्षा तथा अमन-चैन कायम रखने के लिए गोली चलवाई थी।

मुलायम सिंह ने दिया था आदेशआपको बता दें कि आज से ठीक 33 साल पहले साल 1990 में अयोध्या में हनुमान गढ़ी जा रहे कारसेवकों पर गोलियां चलाई गई थीं। उस समय उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार थी।मुलायम सिंह यूपी के सीएम थे।उन दिनों प्रशासन ने अयोध्या में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया था. इसके चलते श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। लेकिन फिर भी साधु संत अयोध्या की ओर जा रहे थे।बाबरी मस्जिद के 1.5 किलोमीटर के इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती थी, पुलिस ने पूरे इलाके को बैरिकेड्स से घेर लिया था।इस दौरान भीड़ इतनी बेकाबू हो गई कि पुलिस भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाई. 30 अक्टूबर 1990 को पहली बार कारसेवकों पर गोलियां चलाई गईं. उस दौरान गोली लगने से पांच कारसेवकों की मौत हो गई थी। आपको बता दें कि भीषण फायरिंग के ठीक दो दिन बाद 2 नवंबर को हजारों की संख्या में कारसेवक हनुमान गढ़ी पर पहुंच गए थे।

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