During the “Session 1970”, Indira Gandhi had apologized in the Parliament for presenting the budget, these finance ministers had presented the black budget

During the “Session 1970”, Indira Gandhi had apologized in the Parliament for presenting the budget, these finance ministers had presented the black budget –

भारत देश में 28 फरवरी 1970 के दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पीएम पद को संभालने के साथसाथ वित्त मंत्री भी होने के साथ देशभर का आम बजट भी तब पेश किया था। इंदिरा गांधी के इस तरह के कार्य करने के मिजाज से और खासतौर पर उनके अपने हर काम के प्रति सख्त व्यवहार के लहजे से सभी लोग वाकिफ थे। उनके  बजट भाषण के दौरान इंदिरा गांधी  ने जब यह कहा कि, “मुझे माफ कीजिएगा” ,तो यह सुनकर लोकसभा के अधिकांश सदस्य भी हैरान हो गए थे।

 

और अब इसी एक नई घोषणा के साथ भारत के केंद्रीयी वित्त मंत्री ने अब 2024 के लिए एक अंतरिम बजट पेश किया है। यह उनका पूर्णकालिक कार्य महिला वित्त मंत्री होने के नाते इस बार छठवी बार बजट प्रस्तुत होगा।और इसी के साथ हम आपको  बजट के सभी इतिहासों  से जुड़े रोचक पहलुओं से भी अवगत करा रहे हैं। और इस कड़ी के दौरान हम आपको बता रहे हैं देश के ब्लैक बजट से जुड़ी विशेष खबरों के  बारे में। और आपको बता दे कि इसके साथसाथ देश के इतिहास का एक बजट ऐसा भी रहा है , जिसमें दौरान प्रधानमंत्री ने बजट भाषण के दौरान माफी भी मांगनी पड़ी थी।

 

इंदिरा गांधी ने सदन में मांगी थी माफी

 

जैसा कि आपको हमने बताया कि 28 फरवरी 1970 में पूर्व प्रधानमंत्री ने पीएम पद को  संभालते हुए वित्त मंत्री होने के नाते देश का आम बजट जब पेश किया था तो इंदिरा गांधी के मिजाज और  खासतौर पर उनके सख्त लहजे से सभी लोग वाकिफ थे लेकिन अपने बजट भाषण में इंदिरा ने जब यह कहा दिया कि , “मुझे माफ कीजिएगा” , तो यह बात सुनकर लोकसभा के ज़्यादातर सदस्य हैरान रह गए थे और वे यह सोचने लगे कि अब ऐसा क्या आने वाला है , जिससे लिए पहले इंदिरा गांधी ने पहले ही माफी मांगने की बात कही हैं पर लेकिन जब इंदिरा गांधी ने अपना अगला वाक्य पूरा किया  तो सभी लोगो का शक दूर गया। और उन सभी को अपने सवालों के जवाब मिल गए थे।

राजस्व को लेकर बढ़ाने का लिया गया था कड़ा फैसला

 

दरअसल उस समय , इंदिरा को राजस्व बढ़ानें को बढ़ावा देना था, इसलिए उन्होंने तब अपने बजट के दौरान सिगरेट पर लगी ड्यूटी को 3 से अधिक बढ़ाकर 22 फीसदी तक की दर पर कर दिया था। इसलिए ड्यूटी बढ़ाने से पहले उन्होंने अपने  भाषण में पहले ही कह दिया था कि , “मुझे माफ कीजिएगा“, “लेकिन इस बार मैं सिगरेट पीने वालों की जेब पर भार भी डालने वाली हूं सिगरेट पर ड्यूटी बढ़ाने के बाद इंदिरा गांधी ने यह भी कहा था कि इससे सरकार के राजस्व में करीब 13.50 करोड़ों रुपयों के अतिरिक्त इजाफा भी दिया जाएगा। और इससे सिगरेट पीने वालों सभी लोगो को जोरदार झटका लगा था। इसके साथ ही उन्होंने तब आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर 40 हजार रुपये की थी। इस पर उन्होंने कहा था कि , “मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाकर 40 हजार रुपये किया जा रहा है

 

इंदिरा गांधी के कार्यकाल में बनाया गया ये बजटब्लैक बजट कहलाता है

 

खबरों के अनुसार आपको बता दे कि वित्त वर्ष 1973 से 1974 के बीच के तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव बी चव्हाण की ओर से भी बजट को भारतीय इतिहास काकाला बजटयाब्लैक बजटकहा जाता है। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि उस समय बजट में 550 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा  भी पेश किया गया था, लेकिन यह उस समय तक का सबसे बड़ा बजट घाटाला भी था। और इस बजट पर ही वर्ष 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध और खराब मानसून का असर भी दिखा था।

 

जब सिर्फ अग्रेजों के बीच ही यह सब छपता था और बजट फिर जब नई शुरुआत हुई तो इसके साथ ही एक और रोचक तथ्य भी सामने आया कि , साल 1955 तक सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही तब बजट पेश किया जाता था। लेकिन वित्त वर्ष 1955 और 1956 में  बजट को पहली बार अंग्रेजी और हिंदी दोनों ही भाषा में छापा और पेश किया गया था।

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